SPNF पूरी तरह से घरेलू गाय की नस्लों पर आधारित है और उच्च उपज देने वाली घरेलू गाय की नस्ल के जर्मप्लास्म की उपलब्धता पशुपालन विभाग द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। पशुपालन विभाग चयनित जिलों एवं अन्य क्षेत्रों में घरेलू गायों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अलग से कार्य योजना प्रस्तुत करेगा। 50% की सब्सिडी अधिकतम रूपए नाबार्ड के सहयोग से पशुपालन विभाग की योजना के अनुसार SPNF का अभ्यास करने वाले किसानों को रु० 25000 / – दिया जाएगा।
गाँव के सभी किसानों के पास स्थानीय गाय नहीं हो सकती है या वे पालने में असमर्थ हैं। ऐसे किसानों की सुविधा के लिए दिशा-निर्देशों में स्वीकृत है कि भंडार को चलाने के लिए रु० 50000/- रुपये प्रति भंडार की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें पैकेजिंग सामग्री, गौशाला अस्तर, आवश्यकता के अनुसार ड्रम या आवश्यक कोई अन्य सामग्री शामिल हो सकती है। यह भंडार गांव के जरूरतमंद किसानों की मामूली कीमत पर जरूरत पूरी करेगा।
SPNF अवधारणा में देशी गाय का मूत्र एक महत्वपूर्ण इनपुट है। गोमूत्र के संग्रह की सुविधा के लिए, अधिकतम 8000 रुपये प्रति परिवार के अधीन 80% सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव है।
SPNF अवधारणा बाहरी इनपुट पर निर्भरता को कम करने के लिए उत्पादन प्रणाली में ऑन-फार्म इनपुट के उपयोग की वकालत करती है। देशी गायों के गोबर और मूत्र से खेत स्तर पर बुनियादी इनपुट तैयार किए जाने हैं। इस प्रकार ऑन-फार्म इनपुट उत्पादन की सुविधा के लिए, किसानों को प्लास्टिक ड्रम/टैंक की खरीद के लिए 75% की दर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। प्रति परिवार तीन ड्रम/टैंक अधिकतम सीमा होगी। वित्तीय सहायता 750 रुपये/ड्रम/टैंक तक सीमित होगी।