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  • सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती
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  • राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई 

कीट प्रबंधन

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कीट प्रबंधन

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नीमास्त्र

नीमास्त्र सफेद मक्खी, एफिड, जसीड, रस चूसने वाले कीड़ों, छोटी सुंडी/इल्लियों के प्रबंधन में उपयोगी है।

एक एकड़ के लिए नीमास्त्र बनाने की सामग्रीः

  • 100 लीटर
  • 10 लीटर
  • 2 किलोग्राम
  • 5 किलोग्राम

बनाने की विधिः

  • ड्रम में पानी डालकार उसमें गौ-मूत्र मिलाने के बाद इसमें देशी गाय का गोबर मिला लें।
  • अब इसमें नीम छोटी-छोटी टहनियाँ, पत्तों समेत टुकड़ों में काटकर डालें।
  • इस घोल को घड़ी की सुईयों की दिशा में अच्छे से धीरे-धीरे मिलाकर बोरी से ढक दें।
  • इस मिश्रण को 48 घण्टे बोरी से ढक कर छाया में रखें।
  • इस मिश्रण को सुबह-शाम लकड़ी से लकड़ी की डण्डी से घड़ी की सुईयों की दिशा में 1 मिनट तक घोलें।

भण्डारण अवधिकाल: इसको 6 महीने तक भण्डारित कर सकते हैं।
सावधानी: धूप और बारिश के पानी से बचाकर रखें।

अग्नि-अस्त्र

अग्नि-अस्त्र का उपयोग रस चूसने वाले कीड़े, छोटी सुंडी/ इल्लियों, फली छेदक आदि कीटों को नियन्त्रित लिए के लिए उपयोगी है।

एक एकड़ के लिए अग्निअस्त्र बनाने की विधिः

  • 2 किलोग्राम
  • 500 ग्राम
  • 500 ग्राम
  • 250 ग्राम
  • 20 लीटर

बनाने की विधिः

  • कुटे हुए नीम के पत्तों, तम्बाकू पाउडर, मिर्च की चटनी व लहसून की चटनी को गौ-मूत्र में मिलाकर धीमी आँच पर ढक्कन से ढक कर उबाल लें।
  • इसके बाद इस मिश्रण को 48 घण्टे के लिए रख दें व इस मिश्रण को सुबह-शाम लकड़ी की डण्डी के साथ घोलें।

भण्डारण अवधिकाल: 3 महीने के तक भण्डारण किया जा सकता है।
उपयोग विधि: इस मिश्रण का 6-8 लीटर घोल 200 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ की फसल पर छिड़काव करें।
ध्यान रखें: इस पर धूप या बारिश का पानी नहीं पड़ना चाहिए।
विधि: 48-96 घण्टे बाद कपड़े से छानकर, फसल पर छिड़काव करें।

ब्रह्मास्त्र

ब्रह्मास्त्र का उपयोग रस चूसने वाले कीड़े, छोटी पडियों / इल्लियों के प्रबंधन में उपयोगी है।

एक एकड़ के लिए ब्रह्मास्त्र बनाने की सामग्रीः
किन्ही 5 पौधों (दरेक, सीता फल, ऐरंड, पपीता, आम, अमरूद, धतूरा, दुरांटा या अन्य उपलब्ध )

  • 4 लीटर
  • 200 ग्रा० (प्रति पौधा)

बनाने की विधिः

  • उपरोक्त पत्तों की चटनी को गौमूत्र में डलकर धीमी आंच पर एक
  • उबाल आने तक गर्म करें। इसके बाद 48 घंटे तक ठडा होने के लिए रख दें।
  • 2.5-3 लीटर घोल को 200 लीटर पानी में मिला कर फसल पर छिड़काव करें।

भण्डारण अवधिकाल: इसको 6 महीने तक भण्डारित कर सकते हैं।
सावधानी: धूप और बारिश के पानी से बचाकर रखें।